Friday, February 21, 2020

हिन्दू विचार ऐसे होते हैं

स्वयंसेवक हर व्यक्ति के मन में हिंदुत्व का भाव जगाएं, व्यक्ति की पहचान उसकी जाति से नहीं बल्कि हिंदू से होनी चाहिए, इसकी शुरुआत अपने घर और कार्यक्षेत्र से करें 

घर में काम करने वाली बाई हो या ड्राइवर सफाई कर्मचारी या कपड़े धोने वाला उसे सहजता से हिंदुत्व की विचारधारा से जोड़ें, मलिन बस्तियों में जाकर उनका दर्द समझें और घुल मिल जाए उनके साथ भोजन करें उन्हें हिंदू होने पर गर्व कराएं

संघ की लंबी यात्रा में सामने आया है कि जाति व्यवस्था जाने वाली है हम विषमता में विश्वास नहीं रखते। 

ऐसा वातावरण नहीं होना चाहिए कि किसी जाति से किसी की पहचान हो सभी की पहचान हिंदू से होनी चाहिए।
 
स्वयंसेवक मलिन बस्तियों में जाएं, वहां रहने वालों का दर्द समझें, उनके साथ भोजन करें और घुले मिले। 

किसी भी विरोध की परवाह किए बगैर कुरीतियां खत्म करनी है और अपनी मंजिल तक पहुंचना है अगर हम सफाई कर्मचारी से भेदभाव करेंगे, जाति बीच में आएगी तो समस्या होगी 

किसी पर विचार थोपने से वह उसे कभी आत्मसात नहीं करता जब वह मानसिक रूप से इसके लिए तैयार होगा तभी उसे स्वीकारेगा
 
-डॉ मोहन भागवत